Wednesday, April 25, 2012

मैं बड़ा हो गया हूँ


ऐ इश्क, तू अब मेरी नज़रों से बच न सकेगा,
में तुझे ढूंढ ही लूँगा, तू जहाँ कभी भी छुपेगा,
अब बच्चा नहीं रहा, बड़ा हो गया हूँ मैं,
ये आँख मिचोली का खैल अब नहीं चलेगा,

मैंने जान लिया-
तू पिता के प्यार में है, माँ की फटकार में है,
तू दोस्ती में भी है और तू तकरार में है,
संगीत में बसा हुआ है तू झंकार में है,
तू देशभक्तों की पुकार में भी है,
तू दुश्मनी में है, और प्यार में है,
युद्द में है तू, तू रास में है,
तू सागर में और सहराँ में है,
तू सब में है और जर्रे जर्रे में है...

देख मैंने जान लिया तू मेरी निगाह में है,
अब तू मेरी निगाहों से बच न सकेगा,
मैं बड़ा हो गया हूँ, आँख मिचोली चल न सकेगा.
-मनीष 




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