Friday, April 27, 2012

अल्लाह को प्यारे हो गए...



हमने दिल अपना शीशे का कर लिया, 
तुम जबसे पत्थर दिल हो गए,
तुमने आईना तोड़कर अपनी तस्वीर मिटानी चली थी,
देखो! हर टुकड़े में तुम हो गए...

हमने हर शै को सनम नाम दे दिया तुम्हारा,
तुमने जब से बेवफाई की,
तुम्हारा ख्याल था की मुझसे अब कभी न मिलोगे,
देखो! हर जर्रे में तुम हो गए...

हमने निगाहें ही अपनी बंद कर ली सदा के लिए,
जब से आँखे फेर ली तुमने मुझसे,
तुम समझे थे की कभी दिखलाई ना दोगे हमें,
देखो! रूहे-जहाँ में सिर्फ तुम हो गए,

हमने मस्जिद की राह पकड़ ली उस दिन,
तुम जिस दिन से शहर छोड़ गए,
हमें मुहोब्बत से महरूम रखना तुमने चाह होगा,
मगर देखो! हम अल्लाह को प्यारे हो गए...

-मनीष 




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